आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह खबर तुर्की और सीरिया की है, जहां बीते सोमवार इतनी जोरदार भूकंप आया कि देखते ही देखते शहर के शहर खाक हो गए। मिली जानकारी के अनुसार इस भूकंप के कहर के चलते अभी तक 8,300 लोगों की मृत्यु हो चुकी है जबकि 30,000 लोग गंभीर रूप से घायल है। इसके अलावा वहां की 11,000 विशाल इमारतें राख में तब्दील हो चुकी है।
तुर्की में आए भूकंप ने अभी तक लगभग 6000 लोगों की जान को अपना शिकार बनाया है। जबकि 34,810 लोग बुरी तरह ज़ख्मी हालत में हैं। इसके अलावा कहा जा रहा है कि सीरिया में लगभग 2100 लोगों की जान गई है। इस कहर के बाद तुर्की में अगले 3 महीने तक आपातकालीन की स्थिति घोषित कर दी गई है। सभी शिक्षा केंद्रों को बंद करते हुए तमाम सरकारी इमारतों को शेल्टर होम बना दिया गया है।
इस मामले में वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन संस्था ने तुर्की और सीरिया में आए भूकंप के चलते मरने वालों का आंकड़ा अधिक होने की आशंका जताई है। उन्होंने बताया कि इस प्राकृतिक आपदा के चलते लगभग 20,000 से अधिक लोग मारे जाने की आशंका है। इसके अलावा दोनों राष्ट्रों में लगभग 2 से 2.5 करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं।
इस मामले में तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब इरदुगान का कहना है कि यह अकेले तुर्की या सीरिया की नही बल्कि सारी दुनिया की आपदा है। बता दें कि अभी तक तुर्की सीरिया की सहायता के लिए 14 अंतरराष्ट्रीय संगठन व 70 देश आगे आएं है। इनमे भारत भी शामिल है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तुर्कि व सीरिया में आई इस प्राकृतिक आपदा के लिए शोक व्यक्त किया और उन्हें अपनी ओर से सहायता भेजने की बात भी कही है। अब देखना यह होगा कि इस भूकंप के चलते सीरिया और तुर्की में कब तक हालात पहले की तरह सामान्य होंगे।