देश भगत विश्वविद्यालय में बसंत मेला उत्सव मनाया

देश भगत विश्वविद्यालय के सामाजिक विज्ञान और भाषा संकाय व पंजाबी भाषा, लोकगीत और संस्कृति केंद्र ने पंजाबी लोक संस्कृति और सभ्याचार को प्रदर्शित करते हुए बसंत मेले का जश्न मनाया। उत्साह और उमंग से भरे इस कार्यक्रम ने सम्मानित अतिथियों और उत्साही प्रतिभागियों को समान रूप से आकर्षित किया।

मुख्य अतिथि प्रो-चांसलर डॉ. तजिंदर कौर और विशिष्ट अतिथि चांसलर डॉ. जोरा सिंह ने इस अवसर पर उत्सव की शोभा बढ़ाई। इस अवसर पर चांसलर के सलाहकार डॉ. वीरिंदर सिंह, रजिस्ट्रार डॉ. राहुल शर्मा और डॉ. सुरजीत पाथेजा की उपस्थिति ने आयोजन के महत्व को बढ़ाया।

 

सामाजिक विज्ञान और भाषा संकाय के निदेशक डॉ. देविंदर कुमार ने अपने स्वागत भाषण के जरिए इस उत्सव की शुरुआत की, जिन्होंने पीढ़ियों के बीच की खाई को पाटने और सांस्कृतिक विरासत को बनाए रखने के उद्देश्य से बसंत मेले के ऐतिहासिक महत्व के बारे में विस्तार से बताया।

डॉ. कंवलजीत सिंह की टीम ने बसंत राग की प्रस्तुति के साथ दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया, जिसमें आत्मा को छू लेने वाली गुरबानी गायन और देवी सरस्वती का आह्वान किया गया।

इस दौरान भांगड़ा लुड्डी, पंजाबी लोकगीतों की भावपूर्ण प्रस्तुतियां और एक मंत्रमुग्ध कर देने वाली पंजाबी पारंपरिक परेड भी प्रस्तुत की गई। इस कार्यक्रम में पंजाबी लोक खेलों की एक श्रृंखला भी शामिल थी, जिसमें पतंगबाजी, कंचे, स्टैपू, किकली और रस्सी कूदना शामिल था, जो सभी उम्र के प्रतिभागियों को आकर्षित कर रहे थे। विद्यार्थी संत प्रताप सिंह, हनी ने पंजाबी लोकगीत पेश किये।

इस मौके पर विभाग में चार नए कोर्स शुरू करने की घोषणा भी की गई, इनमें एमए गुरमत संगीत, एमए म्यूजिक वोकल, एमए म्यूजिक वाद्ययंत्र और एमए संगीत तबला। इसके अलावा कार्यक्रम की सफलता पर चांसलर द्वारा विभाग को 51 हजार रुपये की ग्रांट देने का भी ऐलान किया गया।

डॉ. राम सिंह ने अपने धन्यवाद ज्ञापन में सभी प्रतिभागियों, अतिथियों और आयोजकों को बसंत मेला समारोह की सफलता में उनके अमूल्य योगदान के लिए आभार व्यक्त किया। मंच का संचालन डॉ. रेणु शर्मा और डॉ. ज्योति शर्मा ने किया।