जम्मू-कश्मीर प्रदेश में बिना विधानसभ चुनाव करवाए केंद्र पांच वर्ष से चला रहा अपना शासन, राजनीतिक दलों ने कहा लोकतंत्र की हत्या

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जम्मू—कश्मीर एक लोता ऐसा केंद्र शासीत राज्य है जहा केंद्र की तरफ से पांच वर्षों से अपना सााशन चलाया जा रहा है! जम्मू-कश्मीर में केंद्रीय शासन के सोमवार को पांच साल पूरे हो गए हैं। इस पर विभिन्न राजनीतिक दलों ने लोकतंत्र की बहाली न होने पर रोष जताया वहीं, सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। इस बीच नेशनल कांफ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने तीखा हमला किया है। 5 अगस्त 2019 को केंद्र ने अनुच्छेद 370 को समाप्त कर जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के रूप में दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था।इस संबंध में नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को एक व्यंग्यात्मक ट्वीट में कहा कि भारत में लोकतंत्र वहीं खत्म हो जाता है, जहां से जम्मू-कश्मीर शुरू होता है। लोकतंत्र हमारी रगों में है, यह हमारी संस्कृति में है। इसके साथ ही भारत लोकतंत्र की जननी है और भारत लोकतंत्र का मंदिर है। साथ ही केंद्रीय शासन के पांच साल हो गए। पीडीपी प्रवक्ता मोहित भान ने ट्वीट कर कहा कि लोकतंत्र की जननी कहे जाने वाले देशवासियों को शर्म से अपना सिर झुका लेना चाहिए। साथ ही जम्मू-कश्मीर में नौ साल पहले चुनाव हुए थे। साथ ही पांच साल से केंद्रीय शासन जारी है। लोगों के अधिकारों और प्रतिनिधित्व का हनन हो रहा है। गौरतलब रहे कि मौजूदा समय में भाजपा सहित सभी राजनीतिक दलों की ओर से जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने की आवाज उठने लगी है। साथ ही चुनाव आयोग से चुनाव की घोषणा की अपील की जा रही है।