जम्मू। दो साल में 17,822 आवारा कुत्तों की वार्डवार नसबंदी की गई है। अब तक 36256 की नसबंदी की जा चुकी है। विभागीय आंकड़े के अनुसार शहर में कुत्तों की अनुमानित संख्या 43540 है। जेएमसी आयुक्त राहुल यादव ने कहा कि सड़क पर कुत्तों की संख्या के प्रभावी प्रबंधन के अलावा मनुष्यों और जानवरों दोनों में रेबीज के प्रसार को रोकने के लिए एबीसी, एआरवी कार्यक्रम चलाया जा रहा है। पशु देखभाल केंद्र रूपनगर में बैठक के दौरान फ्रेंडिकोइस-एसईसीए (दिल्ली स्थित पशु कल्याण संगठन) के सहयोग से कार्यान्वित किए जा रहे कार्यक्रम के विभिन्न पहलुओं और प्रगति पर चर्चा हुई। डाॅ. सुशील कुमार ने कहा कि नसबंदी के लिए वार्डवार टीमों के माध्यम से कुत्तों को पकड़ा जा रहा है और ऑपरेशन के बाद छोड़ा जा रहा है।
समिति ने फैसला लिया कि जेएमसी जागरूकता अभियान के साथ पालतू कुत्तों की अनिवार्य नसबंदी पर काम तेज किया जाएगा। आयुक्त ने सीमा के भीतर एबीसी कार्यक्रम के कार्यान्वयन के बारे में संतुष्टि दिखाई। सलाह दी कि उन क्षेत्रों पर अधिक जोर दिया जाना चाहिए जहां अभी भी अधिक असंक्रमित कुत्तों की संख्या है और कुत्ते के बच्चे (पिल्ले) पैदा हो रहे हैं। उन्होंने एमवीओ, जेएमसी को सड़क पर कुत्तों की संख्या को कम करने के साथ-साथ रेबीज उन्मूलन में मदद करने के लिए एबीसी/एआरवी कार्यक्रम की प्रभावशीलता के बारे में स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और निवासी कल्याण संगठनों को शामिल करके आम जनता को शिक्षित करने के लिए आईईसी गतिविधियों को तेज करने का निर्देश दिया है।